अहमदाबाद से छह दिन के टूर पर रवाना हुई विंटेज कार रैली बुधवार को माउंटआबू से गुजरात के दौसाड़ा के लिए रवाना हुई। 15 विंटेज कारों का काफिला बीती रात को राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पहुंचा था। रैली में देशभर के विंटेज कार प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें 1933 की शेवर्ले, हंबर सहित जनरल मोटर्स व एमजी कंपनी की कारें शामिल हैं।
फैडरेशन ऑफ विंटेज कार्स के अध्यक्ष रवि प्रकाश ने बताया कि रैली का उद्देश्य हैरिटेज को प्रमोट करना है। इन कारों को मैंटेन करना आसान नहीं है। ये कारें काफी समय और पैसा मांगती हैं। साथ ही इनका एवरेज भी काफी कम होता है सो इन्हें चलाना भी काफी महंगा सौदा है।
आज से 80-90 वर्षों पहले लम्बी चौड़ी चमचमाती कारें देश-प्रदेश के राजा-रजवाड़ों की शानो-शौकत हुआ करती थीं। उसके बाद में यही विंटेज कारें ब्रिटिश काल में गवर्नर्स व ब्रिटिश अफसरों की शान बनीं। उसी काल की कारों को आज भी धरोहर के रूप में संजो कर रखा है विंटेज कार के शौकीनों ने।
उनके इसी शौक की वजह से आज की पीढ़ी भी देख पा रही है कि, हमारे दादा-परदादा के समय यही चार पहिया कैसे रूप-रंग में थीं, कैसी दिखती थीं, और कैसे शानो-शौकत से उसे चलाया जाता था। विशेषकर उस जमाने में जब केवल कुछ चुनिन्दा भाग्यशाली लोगों के लिए ही कार एक हकीकत थी औ बाकी के लिए सपना। आज हर किसी के पास एक से बढ़कर एक चमचमाती महंगे मॉडल की कार है।